Saturday, July 17, 2021

मित्रासक्ति

मित्र एक है या ज्यादा, कोई मायने नही रखता।
आपके अस्तित्व को पहचाने, आपके अनुभव को अनुभूति से अनुभव करने की क्षमता भी होनी चाहिए।
फेस बुक में कई मित्र है।
सुंदर बोलते और लिखते हुए आपको बलोकभी करते है।
जीवन का सच यह वह से भी परे है।
अब सब अच्छा आप ही कहे और मित्र चुप रहे तो यातो यार या मार की ही पराकाष्ठा रहेगी।
मुनाफा नफा तय भी करे की मित्रो ने आपसे क्या कहा, क्या आपने सुनने के बाद महसूस किया।
में परीक्षा में पास हुआ हूं, लेकिन मित्रकीभी परीक्षा कभी कभी लेनी चाहिए।
कुछ भी लिखते हुए उर्जाक्षर का स्पंदन कहां गिरा?? क्या च किसकी नुकसान देय बाबत तो नही??? आपको ही तय करना होगा।
अपनी ऊर्जा बचाएं। संभाले और संभालने का मोका भी दे।
मित्रो को भी अंदाजा होना चाहिए की आपका अस्तित्व अवनी पर मौजूद है।
अक्ष के अक्स का उनका उत्तर आपको मिलेगाही।
मेरे कई मित्र कुछ नही खाते, कहते, पीते, लेकिन रूबरू में उग्र रूप से व्याप्त क्यों???
मेरा अर्थोपर्जन नही उसमे मेरी गलती नही ही।
मेने सिर्फ ऊ और उ का ही अर्चन से अर्जित स्त्रोत महसूस किया ही है।
आज अपना गद्य रूपी मित्र प्रेम साझा किया।
In reality i have single front upper teeth only... And life is facing disturbing by others two teeth, which i shown firstly in piruz khambhata.
So many joined than.
Father in law, cousin brother in law, cousin sister in-law, even cousin and many unknown too.
Jay Gurudev Dattatreya
जय गुरुदेव दत्तात्रेय।
जय हिंद।
जिगरम जैगिष्य जिगर:


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