વહાટ્સએપ મીડિયામાંથી થોડું લઈને નવી પ્રેરણા થકી વિચાર આવ્યો...
તમે પણ જુઓ વાંચો...
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વાપરો (મગજ) નહી તો
ક્યાંય ખોવાઈ જાશો
૧-એક MLAનો માસિક પગાર ૧લાખ રુપિયા
૨-૧૮૨MLA નો માસિક પગાર ૧કરોડ ૮૨લાખ રુપિયા
૩-૧૮૨MLA નો વાર્ષિક પગાર ૨૧ કરોડ ૮૪ લાખ રુપિયા........
૪- ૧૮૨ MLA નો પાંચ વર્ષ નો પગાર ૧ અબજ ૯૨ કરોડ રૂપિયા....
🤭🤭🤭🤭🤭🤭
જો આમાંથી તમામ MLA ફરીથી ચુંટણી ના જીતી શક્યા તો દર મહીને ૫૦ હજાર નું પેન્શન ચાલુ....
ચાલો હવે પેન્શન ના આંકડા.........
૧-૧MLA નું પેન્શન ૫૦હજાર......
૨-૧૮૨ MLA નું માસિક પેન્શન ૯ લાખ ૧૦હજાર રુપિયા....
૩-૧૮૨ MLA નું વાર્ષિક પેન્શન ૧૦ કરોડ ૯૨ લાખ રુપિયા.....
૪-કદાચ પાંચ વર્ષ જીવે તો ૧૮૨ MLA નું પાંચ વર્ષ નું પેન્શન ૫૪ કરોડ ૬૦લાખ ......😭😭😭
અને હા
જ્યારે ધારાસભ્ય હોય ત્યારે ખાલી ન્યુનતમ આંકડા મુજબ એક ધારાસભ્ય પાંચ વર્ષ માં ગ્રાન્ટ માંથી ૧ કરોડ સુધી તો જમવાની તાકાત ધરાવે છે...
પાછું ફરીથી ૧૮૨ કરોડ નું લોસ અને પગાર ભથ્થા જુદાં આતો ખાલી સ્ટેટ્ લેવલ ની વાત થઈ...
સંસદ સભ્ય ના તો આંકડા આનાથી ડબલ હોય છે. અને હા મિનીસ્ટરો અને મુખ્યમંત્રી પછી હોદેદારો તથા વચોટીયા આ બધા આંકડા તો મળતા જ નથી...
પછી પેટ્રોલ તો વધારવું જ પડે ને ......
કારણ કે આ બધા ભરબપોરે તાપ તડકો વરસાદ, ઠંડી જોતા જ નથી....આપણી સેવા માં ૨૪ કલાક આપે છે...
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આ પેન્શન બંધ કરો અને
આટલાં રૂપિયા તો જનતા ના
વિકાસ માટે વાપરો
તો દર વર્ષે ૧૦ જીલ્લા નું દેવું
માફ થઈ જાય .......
# લી. એક જાગૃત નાગરિક
😡😡😡😡😡
*आँख फाड़ दिमाग़ को हिला देने वाला सच, पढ़ कर आप भी आश्चर्य चकित रह जायेंगे ?*
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भारत में कुल 4120 MLA और 462 MLC हैं अर्थात कुल 4,582 विधायक।
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प्रति विधायक वेतन भत्ता मिला कर प्रति माह 2 लाख का खर्च होता है। अर्थात
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91 करोड़ 64 लाख रुपया प्रति माह। इस हिसाब से प्रति वर्ष लगभ 1100 करोड़ रूपये।
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भारत में लोकसभा और राज्यसभा को मिलाकर कुल 776 सांसद हैं।
इन सांसदों को वेतन भत्ता मिला कर प्रति माह 5 लाख दिया जाता है।
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अर्थात कुल सांसदों का वेतन प्रति माह 38 करोड़ 80 लाख है। और हर वर्ष इन सांसदों को 465 करोड़ 60 लाख रुपया वेतन भत्ता में दिया जाता है।
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अर्थात भारत के विधायकों और सांसदों के पीछे भारत का प्रति वर्ष 15 अरब 65 करोड़ 60 लाख रूपये खर्च होता है।
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ये तो सिर्फ इनके मूल वेतन भत्ते की बात हुई। इनके आवास, रहने, खाने, यात्रा भत्ता, इलाज, विदेशी सैर सपाटा आदि का का खर्च भी लगभग इतना ही है।
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अर्थात लगभग 30 अरब रूपये खर्च होता है इन विधायकों और सांसदों पर।
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अब गौर कीजिए इनके सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों के वेतन पर।
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एक विधायक को दो बॉडीगार्ड और एक सेक्शन हाउस गार्ड यानी कम से कम 5 पुलिसकर्मी और यानी कुल 7 पुलिसकर्मी की सुरक्षा मिलती है।
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7 पुलिस का वेतन लगभग (25,000 रूपये प्रति माह की दर से) 1 लाख 75 हजार रूपये होता है।
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इस हिसाब से 4582 विधायकों की सुरक्षा का सालाना खर्च 9 अरब 62 करोड़ 22 लाख प्रति वर्ष है।
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इसी प्रकार सांसदों के सुरक्षा पर प्रति वर्ष 164 करोड़ रूपये खर्च होते हैं।
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Z श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त नेता, मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए लगभग 16000 जवान अलग से तैनात हैं।
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जिन पर सालाना कुल खर्च लगभग 776 करोड़ रुपया बैठता है।
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इस प्रकार सत्ताधीन नेताओं की सुरक्षा पर हर वर्ष लगभग 20 अरब रूपये खर्च होते हैं।
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*अर्थात हर वर्ष नेताओं पर कम से कम 50 अरब रूपये खर्च होते हैं।*
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इन खर्चों में राज्यपाल, भूतपूर्व नेताओं के पेंशन, पार्टी के नेता, पार्टी अध्यक्ष , उनकी सुरक्षा आदि का खर्च शामिल नहीं है।
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यदि उसे भी जोड़ा जाए तो कुल खर्च लगभग 100 अरब रुपया हो जायेगा।
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अब सोचिये हम प्रति वर्ष नेताओं पर 100 अरब रूपये से भी अधिक खर्च करते हैं, बदले में गरीब लोगों को क्या मिलता है ?
*क्या यही है लोकतंत्र ?*
*(यह 100 अरब रुपया हम भारत वासियों से ही टैक्स के रूप में वसूला गया होता है।)*
_एक सर्जिकल स्ट्राइक यहाँ भी बनती है_
◆ भारत में दो कानून अवश्य बनना चाहिए
→पहला - चुनाव प्रचार पर प्रतिबंध
नेता केवल टेलीविजन ( टी वी) के माध्यम से प्रचार करें
→दूसरा - नेताओं के वेतन भत्तो पर प्रतिबंध
| तब दिखाओ देशभक्ति |
प्रत्येक भारतवासी को जागरूक होना ही पड़ेगा और इस फिजूल खर्ची के खिलाफ बोलना पड़ेगा ?
*इस मेसेज़ को जितना हो सके फेसबुक और व्हाट्सअप ग्रुप में फॉरवर्ड कर अपनी देश भक्ति का परिचय दें।*
सादर निवेदन
माननीय PM and CM जी,
कृपया सारी *योजना बंद कर दीजिये।*
सिर्फ
*सांसद भवन जैसी कैन्टीन हर दस किलोमीटर पर खुलवा दीजिये ।*
सारे झगड़े ख़त्म।
*29 रूपये में भरपेट खाना मिलेगा..*
80% लोगों को घर चलाने का झगड़ा ख़त्म।
*ना सिलेंडर लाना, ना राशन*
और
घर वाली भी खुश ।
*चारों तरफ खुशियाँ ही रहेगी।*
फिर हम कहेंगे सबका साथ सबका विकास ।
*सबसे बड़ा फायदा 1र् किलो गेहूँ नहीं देना पड़ेगा*
और
*PM जी को ये ना कहना पड़ेगा कि मिडिल क्लास के लोग अपने हिसाब से घर चलाएँ ।*
इस पे गौर करें
कृपया कड़ी मेहनत से प्राप्त हुई ये जानकारी देश के हर एक नागरिक तक पहुँचाने की कोशिश करे ।
शान है या छलावा...।
पूरे भारत में एक ही जगह ऐसी है जहाँ खाने की चीजें सबसे सस्ती है ।
चाय = 1.00
सुप = 5.50
दाल= 1.50
खाना =2.00
चपाती =1.00
चिकन= 24.50
डोसा = 4.00
बिरयानी=8.00
मच्छी= 13.00
ये *सब चीज़ें सिर्फ गरीबों के लिए है और ये सब Available है Indian Parliament Canteen में।*
और उन *गरीबों की पगार है 80,000 रूपये महीना वो भी बिना income tax के ।*
आपके Mobile में जितने भी नम्बर save है सबको forward करें ताकि सबको पता चले …
कि यही कारण है कि इन्हें लगता है कि जो *आदमी 30 या 32 रूपये रोज़ कमाता है वो ग़रीब नहीं है।*
*Jokes तो हर रोज़ Forward करते हैं, आज इसे भी Forward करें और भारतीय जनता को जागरूक करें।*
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45 મનત્રીઓ વાળીમોદી સરકારની શરૂઆતની આ પોસ્ટ હતી... ભલે વિરોધ પક્ષની પણ તોય 7 જુલાઈ 2021 બાદ તો 77 મંત્રીઓ ની આ રકમ લગભગ 30000 કરોડ સુધી પણ પહોંચી શકે છે...
ભારતની આંતરિક અર્થ વ્યવસ્થા ના લીરા ના ઉડે તો સારું...
એક જૂની પંચ તંત્ર ની વાર્તા માં વેપારીએ ટોપી નીચે નાખી તો બધા વાંદરાએ પણ ટોપી નીચે નાખી ને વેપારી બુદ્ધિ પૂર્વક ધંધા ના નુકસાન માંથી બચી ગયો... પણ નવા પંચ તંત્ર મા તો પેલા વેપારીના છોકરાએ બાપનું અનુકરણ કર્યું પણ એક વાંદરાનું બચ્ચું આવીને એ પણ લઇ ગયું... કેમકે અનુભવ મોટો શિક્ષક છે. એ વાંદરાનું બચ્ચું જાણી ગયું પણ મનુષ્ય ડફોળ બન્યો...
ભારતનો નવો નકોર મંત્રીઓનો કારસો હવે શું કરશે તે જોવું રહ્યું.
જય ગુરુદેવ દત્તાત્રેય
જય હિન્દ
જીગરમ જૈગીષ્ય જીગર:
582x100,000(minimum)=5,82,00,000
58200000 x 12 = 69,84,00,000
582 x 5,00,00,000 (yearly Grant) =
Answer is 29,10,00,00,000
29,10,00,00,000
69,84,00,000
29,79,84,00,000
Nearby 30 abaj... yearly expenses...
For MLA only yet ministers salary is not include..
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