Monday, May 24, 2021

ग़ज़ल

आजका शब्द है "ग़ज़ल"

उर्दू में क ख ग की गले से बोले जानेवाले अक्षर की अंदरूनी मात्रा अलग है।

ग़ज़ शब्द अन्य सन्धान से शरीर के गले के अंदरूनी हिस्से से बोला जाने वाला शब्द लिया जो संगीत मय सुरो से सामवेद के "ह" कार का प्रावधान सन्तुलित करने की क्षमता में है। जो ब्रह्म के निकट हो कर न्यास विन्यासित श्वासउच्छवास को क्षेत्रीय रूपमे विवर्धित ओर संवर्ध है।

भारतीय चित्रकार का गजगामिनी प्रसिद्ध है। गजगामिनी यानी हाथी के जैसी जिसकी लय, गति, चाल हो वह (स्त्री)...

ग यानी पूर्ण रूप संस्कृत मातृका विषयक अक्षर विशेष कार है। जिसे अर्वाचीन युग मे गुजराती गांड, हिंदी संस्कृत में गंड से नवाज़ा है।

ज़ या झ यानी विष का मय रूप जो हम नही जानते।

ल कार तो संस्कृत में काल के सम्बंध विषय मे है। जो भूत, वर्तमान, भविष्य को निर्देश में रहता है।

गज का मतलब एक हाथ की लंबाई भी होता है। 

वेदोक्त राजा वेन को हम नही भूल सकते। 

ग़ज़ जो पूर्ण बिंदु के बाद से लिखते है वह एक ग के बाद का आने वाला दूसरा ग है ऐसे निर्देशित है।

वैसे ही ज़ यानी एक झ के पूर्ण रूपसे आने जे बाद आया हुआ दूसरा ज़ लेकिन वह ज यानी शेष कुछ भी रहता ही है ऐसे निर्देशित है।


I must say that you must listen the gazal from Daddy Film


जय गुरुदेव दत्तात्रेय, जय हिंद

जिगरम जैगीष्य

शुभकामनाएं


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